2017-08-21

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मध्य प्रदेश के शहर इंदौर में आजकल कैफे भड़ास की चर्चा खूब चल रही है। भड़ास भारत का ऐसा पहला कैफे है जहां आप अपने तरीके से अपने गुस्से उससे जुड़ी निराशा, जलन व चिड़चिड़ाहट इत्यादि नकारात्मक भावों को व्यक्त कर सकते हैं अर्थात अपनी भड़ास खुलकर निकाल सकते हैं।। वह भी पूरी सुरक्षा व गोपनीयता के साथ ताकि आपके व्यावसायिक एवं पारिवारिक रिश्तों पर कोई असर न हो।

Bhadas Cafe Indore

प्रत्येक शहर की अपनी एक पहचान होती है। यह पहचान उसकी कुछ विशेषताओं जैसे एतिहासिक स्मारक, खान-पान, मार्केट या अन्य कुछ खासियत से बनती है। इंदौर को मालवा का गौरव और मिनी मुंबई कहा जाता है। किंतु इस शहर का दिल आज भी राजवाड़ा में ही धड़कता है। राजवाड़ा सिर्फ होल्कर कालीन महल ही नहीं है यहां के चौक में शहर के बाशिदों की जान बसती है। जश्न मनाना हो, विरोध प्रकट करना हो या दुःख में हों, सभी अवसरों पर राजवाड़ा पूरे शबाब पर होता है, फिर चाहे आधी रात का भी समय क्यों न हो तब भी यहों का उत्साह कम नहीं होता है। अब भड़ास कैफे ने राजवाड़ा के जोश और उत्साह को और बढ़ा दिया है।
आधुनिक इंदौर में भड़ास कैफे शहर की पहचान बन गया है। यह भारत का ऐसा पहला कैफे है जहां आपके गुस्से को व्यक्त करने के लिए विशेष सुविधा उपलब्ध कराई जाती है। यहां पर आप न केवल तोड़फोड़ करके, चिल्लाकर अथवा रोकर अपना गुस्सा व्यक्त कर सकते हैं बल्कि गुस्से को शांतिपूर्ण तरीके से अन्य सकारात्मक दिशाओं में मोड़ने के लिए उपलब्ध विशेष सुविधा के कारण इसे विश्व का अपनी तरह का पहला कैफे भी माना जा रहा है।
भड़ास में सुरक्षा व्यवस्था के साथ आप एकदम अकेले में ऑफिस, परिवार, दोस्त या प्रेमी के प्रति अपने गुस्से को व्यक्त करने के लिए उनसे संबंधित सामान को पूरी ताकत से तोड़फोड़ सकते हैं। रोने, चिल्लाने व अपशब्दों का प्रयोग भी करें तो भी कोई दूसरा नहीं सुनेगा। इस तरह आपके मन की भड़ास निकल जाएगी। मनोवैज्ञानिकों का मानना है कि गुस्सा सबसे अधिक एनर्जी वाला नेगेटिव इमोशन है और इसे सही दिशा में मोड़ दिया जाए तो रचनात्मक एनर्जी बन सकती है। भड़ास में आप संगीत के वाद्य यंत्र बजाकर पेन्टिंग करके, बचपन के खेलों से या अन्य पसंदीदा काम करके अपनी एनर्जी को सकारात्मक दिशा में मोड़ दे सकते हैं। यकीन मानिए इतनी सारी खूबियों के साथ भड़ास आधुनिक इंदौर की पहचान बन गया है, जैसे राजवाड़ा के बिना इंदौर की कल्पना नहीं की जा सकती है वैसे ही आने वाले समय में भड़ास के बिना इंदौर अधूरा लगेगा। आप शहर की इस नई पहचान को स्वयं तो देखिए ही बाहर से आने वाले लोगों को भी इससे रूबरू कराइए।
जब कोई भड़ास पर आता है तो स्वयं ही अपने गुस्से को बाहर निकालने के लिए तत्पर हो जाता है। अभी तक इंदौर में आने वाली कई बड़ी हस्तियों ने भड़ास का अवलोकन किया है और इसे इंदौर की नई पहचान बताया है।

इस कैफे के बारे में और अधिक जानकारी के लिए आप अतुल मलिकराम से फोन नंबर 9755020247 पर संपर्क कर सकते हैं। 

नोट: यह लेख तृतीय पक्ष द्वारा उपलब्ध कराई गई जानकारी के आधार पर लिखा गया है। हिंदी ई-टूल्स || Hindi e-Tools का इससे कोई सीधा संबंध नहीं है।
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